इंदौर में  4 विधानसभा सीटों से वोटर कम हुए, 3 पर तो पिछले चुनाव के हार-जीत के अंतर से ज्यादा मतदाता कम

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Vijay Choudhary
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इंदौर में  4 विधानसभा सीटों से वोटर कम हुए, 3 पर तो पिछले चुनाव के हार-जीत के अंतर से ज्यादा मतदाता कम

संजय गुप्ता, INDORE. भारत निर्वाचन आयोग के तय शेड्यूल के तहत इंदौर जिले में भी मतदाता सूची जारी हो गई है और अब इसमें नाम जुडवाने के लिए आवेदन बुलाए जा रहे हैं। लेकिन विधानसभावार जारी की गई मतदाता सूची से बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए खतरे की घंटी बज गई है। इस सूची में 77 हजार 881 मतदाता जिले में कम हो गए हैं। बात यहीं तक नहीं है, विधानसभा तीन, पांच और राऊ में साल 2018 के चुनाव में जितने वोट से हार-जीत हुई है, उस अंतर से भी ज्यादा मतदाता कट गए हैं। यानी यह मतदाता जिस भी राजनीतिक दल की ओर वाले होंगे, उसके लिए चिंता का सबब है। यही हाल विधानसभा एक में ही है, यहां भी अच्छी-खासी संख्या में मतदाता कट गए हैं। केवल विधानसभा देपालपुर में ही मतदाता बढे हैं, बाकी 8 सीटों पर कम हुए हैं। 



निगम चुनाव में मतदाता सूची बनी थी मुद्दा



जुलाई 2022 में हुए नगर निगम चुनाव के दौरान मतदाता सूची एक बडा मुद्दा बनी थी, कई लोगों के नाम उनके तय मतदान केंद्रों पर मिले ही नहीं थे। इस भारी उलटफेर के चक्कर में एक लाख से ज्यादा मतदाता वोट डालने से ही चूक गए थे। ऐसे में अब दोनों दलों को सक्रिय होकर देखना होगा कि कहां कौन सा मतदाता घट-बढ गया है। 



इस तरह हुआ है मतदाता सूची में असर



विधानसभा देपालपुर-



यहां अभी कांग्रेस के विधायक विशाल पटेल हैं, जो बीते चुनाव में 9044 वोट से जीते, यहां पर 2081 मतदाता बढ गए हैं। 



विधानसभा एक- यहां विधायक कांग्रेस के संजय शुक्ला हैं, जो 8 हजार 163 वोट से जीते थे, यहां पर 3 हजार 334 मतदाता कम हो गए हैं, अगले चुनाव में जीत-हार के लिए यह संख्या काफी अहम होगी।



विधानसभा दो- यहां विधायक बीजेपी के रमेश मेंदोला है, जो 71011 वोट से जीते थे, यहां 14 हजार 404 मतदाता कम हुए हैं, हालांकि इससे सीट पर खास असर नहीं होता है।



विधानसभा तीन- यहां बीजेपी के विधायक आकाश विजयवर्गीय हैं, यह जिले की सबसे छोटी विधानसभा है और हार-जीत का अंतर भी पांच हजार के आसपास ही होता है। बीते चुनाव में विजयवर्गीय 5751 वोट से जीते थे, अब मतदाता यहां कम हो गए हैं 7407, अब यह जिस भी दल के कटे हैं, वह संकट में हैं।



विधानसभा चार- यहां बीजेपी की विधायक मालिनी गौड है, यह भी विधानसभा दो की तरह भारी वोट से हार-जीत वाली सीट है। यहां मतदाता 25 हजार 571 कम हो गए हैं, जो एक बडी संख्या है, बीते चुनाव में मालिनी यहां से 43090 वोट से जीती थीं, इसलिए मतदाता कम होने की चिंता तो उन्हें भी करना होगी।



विधानसभा पांच- यहां बीजेपी के विधायक महेंद्र हार्डिया है, बीते चुनाव में हार्डिया मात्र 1132 वोट से ही जीते थे, यह कांग्रेस के दावेदारों के लिए प्रिय सीट होती है, वह यहां से लडना चाहते हैं। यहां से 19 हजार 656 मतदाता कम हो गए हैं, इसलिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए यह चिंता का बडा सबब है।



विधानसभा महू- यहां वर्तमान में कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर विधायक हैं, जो बीते चुनाव में 7157 वोट से जीती थीं, यहां ज्यादा बदलाव नहीं केवल 29 मतदाता कम हुए हैं।



विधानसभा राउ- यह सीट दो बार से कांग्रेस के जीतू पटवारी के पास है, बीते चुनाव में वे 5703 वोट से जीते थे, लेकिन निगम चुनाव की बात करें तो यहां से बीजेपी को भारी लीड मिली थी। अब मतदाता सूची में 8664 मतदाता कम हो गए हैं, जो दोनों दलों के लिए चिंता की बात है।



विधानसभा सांवेर- यह सीट चार साल में दो चुनाव देख चुकी है, साल 2018 के चुनाव में यहां कांग्रेस से तुलसी सिलावट केवल 2945 वोट से जीते थे और बाद में नवंबर 2020 में बीजेपी में आकर 53 हजार से जीते थे। अब यहां 898 मतदाता कम हुए हैं। 



इतने रह गए मतदाता



बीते विधानसभा चुनाव 2018 में जिले में 24 लाख 81 हजार 566 मतदाता थे, वहीं इस बार की सूची में 25 लाख 53 हजार मतदाता है। वहीं साल 2013 की मतदाता सूची में 21 लाख 67 हजार मतदाता पूरे जिले में थे। 



विधानसभा वार कुल मतदाता



विधानसभा देपालपुर में 2.45 लाख, विधानसभा एक 3.41 लाख, विधानसभा दो 3.29 लाख, विधानसभा तीन 1.81 लाख, विधानसभा चार 2.20 लाख, विधानसभा पांच 3.77 लाख, विधानसभा महू 2.57 लाख, विधानसभा राऊ 3.07 लाख, विधानसभा सांवेर 2.72 लाख मतदाता।


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